वक्फ बोर्ड मुस्लिम बच्चों की उच्च शिक्षा, रोजगार और सामाजिक विकास में सहायक बनेगा: खानू खान
जयपुर। एक सप्ताह पूर्व राजस्थान सरकार ने मुस्लिम वक्फ बोर्ड के नए चेयरमैन डॉक्टर खानू खान को निर्विरोध नियुक्त किया है। जिन्होंने कार्यभार संभालने के बाद अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह पर हाजिरी दी। भीलवाड़ा में हजरत अजीमुद्दीन शाह रहमतुल्ला अलै के मजार शरीफ पर हाजिरी देने के साथ लगभग 4 करोड के निर्माण कार्यों की योजना पर पूर्व मंत्री और विधायक रामलाल जाट के साथ भवन निर्माण की योजना बनाई।
महका राजस्थान को विशेष भेंट में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डॉ. खानू खान ने बताया कि प्रदेश भर में वक्फ संपत्तियों की खाली पड़ी भूमि पर एडवर्टाइजमेंट के होर्डिंग लगाकर,,, उनपर मैरिज गार्डन,,, प्राइमरी से हायर सेकेंडरी तक की स्कूल,,,, शिक्षा के साथ रोजगार के लिए आईटीआई और एजुकेशन के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना कर परंपराओं से हटकर मुस्लिम वक्फ बोर्ड युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार की मदद करेगा। साथ ही शिक्षा के अलावा सामाजिक उत्थान के लिए भी नई योजनाएं लाकर पूरे प्रदेश से युवाओं को जोड़ा जाएगा। राजस्थान में मुस्लिम वक्फ बोर्ड साढे तीन सौ कमेटियों में से 250 कमेटियां एक्टिव है। उनके अंशदान आते हैं और उनकी कार्यकारिणी काम भी कर रही हैं।
डॉक्टर खान ने बताया कि जो कमेटी अच्छी है अपने क्षेत्रों में अच्छे रखरखाव के साथ वक्फ संपत्ति की देखभाल कर रही हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जबकि निष्क्रिय और विवादित कमेंटियों पर पुन विचार किया जाएगा। आपने बताया कि वर्ष 2018 - 19 में राज्य भर में वक्फ संपत्तियों से 37 लाख से अधिक का किराया वसूला गया। जबकि अधिक आय वाली संपत्तियों से वक्फ बोर्ड को अंशदान के रूप में 2018 - 19 में 1 करोड 63 लाख रूपए मिले हैं। आपने बताया कि वर्ष 2012 में गहलोत सरकार ने वक्फ संपत्तियों की देखभाल और रखरखाव के लिए 2 करोड रुपए सहयोग दिया था। जबकि भारतीय जनता पार्टी के अब तक के शासन में चाहे वसुंधरा जी रही हो चाहे उनसे पहले के शासन में बोर्ड को किसी तरह का कोई आर्थिक सहायता नहीं दिया है। आपने बताया कि अब तक वक्फ बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बोर्ड की संपत्ति में जिनमें सरकार के कार्यालय,,, स्कूले एवम् अन्य विभाग चल रहे है उनके किराए के रूप मे सरकार में 22 करोड़ रूपए बाकी है।